दीपावली पर लक्ष्मी पूजन की परम्परा रही है। इस दिन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तरह – तरह के उपाय व प्रार्थनाऐं आदि की जाती है वस्तुतः दीपावली पर लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए क्या करे, इस बारें में पाठकों की लगातार जिज्ञासाऐं रही है कि लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सरल व घरेलू उपाय सुझावें-
1. घर की साफ-सफाई रखें,घर की दीवारों पर पुताई, रंग रोगन करवाऐं। आकर्षक रंगोलीयों, वानरमालाओं,पुश्पों से दरवाजो को सजावें। दीपामालकाआंे रंग-बीरंगी लाईटों से घर ,आॅफिस,व दुकान का श्रृंगार करंे। कुड़ा करकट व टूटी-फूटी चीजें नही रखें।
2. शास्त्रों का कथन है कि व्यक्ति दीपावली की रात्रि को जागकर महालक्ष्मी की पूजा करता है,उसे लक्ष्मी का अभाव कभी नहीं रहता । दीपावली की रात्रि को महानिशा कहा गया है। इस दिन जो व्यक्ति सोता है,उसका भाग्य भी सदैव के लिए सोे जाता है।
3. श्रीयंत्र को पूजा में जरूर स्थान देवें। श्री भगवती महालक्ष्मी का यंत्र है। इसके साथ कनकधारा व कुबेर यंत्र भी यदि पूजा स्थान में है,और आपकी तिजोरी में नियमित रूप से स्थापित रहते है तो आपकी तिजोरी कभी खाली नहीं होगी व
लक्ष्मी की कृपा दृष्टि सदैव आप पर बनी रहेगी। इसके अतिरिक्त कई बार यह भी देखा गया है कि व्यक्ति ईष्र्यावश,शत्रुतावश,किसी व्यक्ति पर कोई तंत्र प्रयोग करवा देता है या व्यक्ति नजर,टोकार ,उच्चाटन विद्वेषण आदि तंत्र क्रियाओं का शिकार हो जाता है,जिससे व्यक्ति की उन्नति रूक जाती है अतः ऐसी स्थिति में इन तीनों यंत्रांे के साथ दिव्य प्रत्यंगिरा कवच को भी पूजा में रखना चाहिए। इससे व्यक्ति को नजर दोष नहीं लगता, साथ ही विभिन्न प्रकार के तंत्र प्रयोगों से भी बचाव होता है। ‘अज्ञातदर्शन’ के पाठकों के हितार्थ यह तीनों यंत्र व कवच दीपावली पर पूजन कर प्राण प्रतिष्ठित कर उपलब्ध कराए जायेगें।
4. लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए दीपावली की रात्रि में नारायण कवच या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करंे क्यांेकि भगवान नारायण (विष्णु) लक्ष्मी के पति है और अपने स्वामी व पति के पूजन से लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
5. लक्ष्मी का दिव्य व तांत्रिक मंत्र का जाप दीपावली की रात्रि को जरूर करें। यदि समयाभाव हो तो कम से कम एक माला जरूर करे। माला स्फटिक या कमलगट्टे की हो सकती है।
महालक्ष्मी का तांत्रिक मंत्र:- ‘‘ ॉ हृीं श्रीं हृी कमले कमलालये प्रसीद हृी श्रीं हृी महालक्ष्म्यै नमः’’
6. दीपावली की रात्रि में ।। धन लक्ष्मी कौड़ी को सर्वप्रथम गौमूत्र से अभिशेक करें। अभिषेक करते हुए उपरोक्त महालक्ष्मी के तांत्रिक मंत्र कौड़ियों पर अभिषेक फिर केसर चदन से इन सभी कौड़ियों को तिलक करे। फिर इन्हें पीला रंग दे । उस थैली को अपने व्यवसाय स्थल पर धन रखने के स्थान पर रखें दें। फिर दंखे आपकी तिजोरी या गल्ला कभी खाली नहीं होगा।
7. दीपावली की रात्रि में दीपमाला बनाने व घर को दीपो से सजाने के अतिरिक्त दीपदान का भी महत्व है। दीपकों का पूजन करें व अपने सर्वानिष्ट के विनाश व निवारण की कामना को लेकर अपने मस्तक पर घुमाकर किसी चैराहे या श्मषान में रख देवें, उन दीपकों को जलाशय में भी पीपल के पत्तें पर रखकर विसर्जित किया जा सकता है। नदी, पर्वत, महल, वृक्षमूल या चबूतरे आदि स्थानों पर भी दीपदान किया जा सकता है।