जीवन में हर व्यक्ति धन की चाह रखता है और क्यों न हो क्योंकि आज के युग में बिना धन या लक्ष्मी के इंसान की कोई कद्र नहीं है और हर कार्य असंभव सा प्रतीत होता है। दीपावली का मुहूर्त एक दुर्लभ और प्रभावशाली मुहूर्त होता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को इसका लाभ उठाना चाहिए। यहां कुछ टोटके दिए जा रहे है जिसे दीपावली के दिन से अपनाकर आप कुछ हद तक मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर सकते है। टोटके को करने में उच्चारण व शुद्धता व नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
1. धन लाभ व समृद्धि के लिये महालक्ष्मी मंत्र-‘‘ॉ श्रीं ह्नीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्माकं दारिद्रय नाशाय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्नीं श्रीं ॉ।’’
उपरोक्त मंत्र को 72 दिनों में सवा लाख जाप करें एवं इसका सवा हजार हवन कुंड में आहुति दें। इस क्रिया के दौरान धूप, दीपक एवं नैवेद्य का उपयोग करें।
2.अक्षय धन प्राप्ति हेतु निम्न मंत्र की दीपावली के दिन 21 माला का जाप करें एवं दो माला की हवन कुंड में आहुति दें। दूसरे दिन एक ब्राह्मण भोजन कराएं। इसके बाद नित्य एक माला पढ़ते रहे-
‘‘ॉ श्रीं ह्नीं क्लीं ऐं सौं ॉ ह्नीं क ए ई ल ह्नीं ह स क ह ल ह्नीं सकल ह्नीं सौं ऐं क्लीं ह्नीं श्री ॉ’’
3. व्यवसाय में अधिक लाभ हेतु यदि रोज प्रातः एक माला निम्न मंत्र का जाप करने के बाद अपने कार्यस्थल पर जाएं तो अद्भूत लाभ होगा-
‘‘ॉ ह्नीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा।’’
4. धन लाभ व समृद्धि हेतु महालक्ष्मी मंत्र-‘‘ॉ सर्वबाधा विनिर्मुक्त ो, धन धान्यः सुतान्वितः, मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॉ।।’’
‘‘ ॉ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॉ।।’’
‘‘ॉ ऐं ह्नीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॉ।।’’
5. दीपावली पूजन के समय मां लक्ष्मी की एक पुरानी तस्वीर पर महिलाएं अपने हाथ से संपूर्ण सुहाग सामग्री अर्पित करें। अगले दिन स्नान के बाद पूजा करके उस सामग्री को मां लक्ष्मी का प्रसाद मानकर स्वयं प्रयोग करें तथा मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थायी वास की प्रार्थना करें। इससे मां लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है।
6. आर्थिक स्थिति में उन्नति के लिए दीपावली की रात सिंह लग्न में श्रीसूक्त का पाठ करें। इसमें 15 ऋचाएं है। प्रत्येक ऋचा अति शक्ति शाली होती है। सिंह लग्न मध्य रात्रि में होता है। उस समय लाल वस्त्र धारण करके लाल आसन पर बैठ कर लक्ष्मी जी की तस्वीर के सामने शुद्ध घी का बड़ा दीपक जलाएं। श्री सुक्त का 11 बार पाठ करें। फिर हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करें और श्रीसूक्त की प्रत्येक ऋचा के साथ आहुति दें। तत्पश्चात् थोड़ा जल आसन के नीचे छिड़के और उस जल को माथे पर लगाएं।
7.दीपक को दोनों हाथों में लेकर अपने निवास स्थान के ऐसे स्थान पर आ जाएं, जहां से आकाश दिखाई देता हो। वहां मां लक्ष्मी से अपने घर की समृद्धि के लिए प्रार्थना करें। फिर उस दीपक को लेकर पूरे घर में घूम जाएं और अन्त में उसे पूजा स्थल में रख दें। इस प्रयोग से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है। इसके बाद प्रत्येक शुक्ल पक्ष की पंचमी को श्रीसूक्त से हवन करें।
8. लक्ष्मी विष्णुप्रिया है। दीपावली पूजन के सूय गणेश-लक्ष्मी के साथ विष्णु जी की स्थापना अनिवार्य है। लक्ष्मी जी के दाहिनी ओर विष्णु जी तथा बांई ओर गणेश जी को स्थापित करें।
9. दीपावली के दिन पीपल का एक अखंडित पत्ता वृक्ष से प्रार्थना करके तोड़ लाएं और इसे पूजाघर अथवा किसी अन्य पवित्र स्थान पर रख दें। फिर प्रत्येक शनिवार को पत्ता तोड़कर उस स्थान पर रखें और पुराने पत्ते को पेड़ के नीचे रख आएं, घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होगा।
10. लक्ष्मी समुद्र से उत्पन्न हुई है। समुद्र से ही उत्पन्न दक्षिणावर्ती शंख, मोती शंख, कुबेर पात्र, गोमती चक्र आदि उनके सहोदर अर्थात भाई-बंधु है। इनकी आपके घर में उपस्थिति हो, तो लक्ष्मी जी प्रसन्न होकर घर आती है। अतः दीपावली पूजन में इन वस्तुओं में से जो भी संभव हो, उसे घर में रखें। लक्ष्मीजी की कृपा प्राप्त होगी।
11. दीपावली के दिन घर की उत्तर दिशा से घर से बाहर जाकर बेल का पौधा लेकर वापस उत्तर दिशा मे आकर उसे गमले में लगाएं और श्रीसूक्त का पाठ कर उत्तर दिशा में ही उस गमले को स्थापित कर दें। नित्य सायंकाल उस पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं और श्रीसूक्त का पाठ करें।
12. कर्ज से मुक्ति हेतु दक्षिणावर्ती गणेशजी की मूर्ति और गणेश यंत्र को घर में स्थापित करें और यंत्र के दाहिनी ओर कुबेर यंत्र स्थापित करें। गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करें, गणेश जी की उपासना करें और हवन, जप तथा तर्पण करें।
13. श्री लक्ष्मी यंत्र को बुधवार को घर में स्थापित करके दीपावली की रात यंत्र पर गुलाब के 21 फूल रखकर निम्नोक्त मंत्र का जाप करने से दरिद्रता दूर होती है-
‘‘ॉ श्रीं श्रियै नमः।’’
14. शीघ्र धनलाभ के लिये दीपावली की रात अष्टलक्ष्मी यंत्र की स्थापना कर शंख की माला से निम्नोक्त मंत्र का जाप करें-
‘‘ॉ श्रीं अष्टलक्ष्म्यै दारिद्रय विनाशिनी सर्व सुख समृद्धिं देहि देहि ह्नीं ॉ नमः।’’
15. व्यापार में वृद्धि व उन्नति के लिए बीसा यंत्र को दीपावली के दिन लक्ष्मी गणेश के पूजन स्थान के समीप या दुकान अथवा फैक्ट्रªी में स्थापित कर इसका धूप, दीप आदि से पूजन-अर्चन करें।
16. दीपावली के दिन पारद शिवलिंग धन-समृद्धि कारक होता है और पारद प्रतिमा तांत्रिक गुण लिए होती है तथा शिव के सभी तांत्रिक शक्ति यों के स्वामी होने के कारण पारद शिवलिंग की अपनी विशेष महिमा है। कहा भी गया है कि जिस घर में पारद शिवलिंग स्थापित हो वहां दरिद्रता का नामो-निशान नहीं रहता।
17. दीपावली के पूजन के दोरान संपूर्ण परिसर में दक्षिणावर्ती शंख से गंगाजल का छिड़काव करें, जिससे नारायण का वास बना रहता है और नारायण जहां हो, वहां श्री लक्ष्मी स्वतः विराजमान हो जाती है।
18. दीपावली पूजन के पश्चात संपूर्ण परिसर में गुग्गुल का धुंआ दें। यह बुरी आत्माओं और आसुरी शक्ति यों से रक्षा करता है।
19. पूजन के दौरान मां लक्ष्मी को बेलपत्र और कमल का पुष्प अवश्य चढ़ाएं। कुछ लोग बेलपत्र को भगवान शिव हेतु ही उपयुक्त मानते है, जबकि बेलपत्र व कमल के फूल की माला लक्ष्मी को अर्पित करने से वैभव की प्राप्ति होती है।
20. दीपावली पूजन के पश्चात् मध्य रात्रि में परिवारजन के साथ बैठकर श्रद्धापूर्वक श्री विष्णुसहस्त्रनाम अथवा श्री गोपाल सहस्त्रनाम व श्री लक्ष्मी सहस्त्रनाम का 11 या कम से कम एक बार पाठ अवश्य करें।
21. साधक जिस मंत्र का जाप नित्य करते है, या जो आपका प्रिय मंत्र हो या भविष्य में आप उसे नित्य करना चाहते है, उस मंत्र को दीपावली की रात को सिद्ध कर सकते है। मध्य रात्रि में मंत्र का 108 या कम से कम 11 बार या उससे कम 1 माला का जाप संबंधित देवता का ध्यान करके करें। जिससे मंत्र सिद्ध हो जाएगा व मंत्र का प्रभाव कई गुना बढ़ जाएगा।
22. दीपावली पूजन में सोने के आभूषण या सिक्के का अधिक महत्व है। इसे पूजा स्थल पर रखकर कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें, माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से घर धन-धान्य और स्वर्णाभूषणों से भर जाएगा। सोने के अभाव में चांदी का उपयोग कर सकते है।
23. मां लक्ष्मी के साथ कुबेर भगवान का पूजन अवश्य करें, घर में अन्न-धन का भंडार होगा।
24. दीपावली के दिन वस्तुओं को लांघना अशुभ होता है, अतः इसमें अत्यधिक सावधानी बरते। कहीं चैराहे आदि को देखकर ही पार करें।
25. दीपावली को बगलामुखी मंत्र सिद्धि का भी विधान है किन्तु यह परम शक्तिशाली मंत्र है, अतः यह मंत्र किसी विशेष आवश्यकता होने पर योग्य विद्वान गुरू की देखरेख में ही सिद्ध करें।