‘‘अज्ञात दर्शन’’ पत्रिका के सम्पादक पं. रमेश भोजराज द्विवेदी का भागवत प्रवक्त ा श्री रमेश भाई ओझा (भाई श्री) ने अभिनंदन किया।
इस अवसर पर पूज्य भाई श्री ने ज्योतिष के महत्व को उद्घाटित करते हुए कहा कि भगवान वेद ज्योतिष के नेत्रों से देखते है। उन्होंने कहा कि वेदानाम् चक्षु ज्योतिष। इस शस्त्र की रक्षा ऋशि परम्परा से ही हो सकती है। निरन्तर अभ्यास व सतत् साधना से साध्य यह विषय गम्भीर व रोचक है। उन्होंने ‘‘अज्ञात दर्शन’’ पत्रिका व पं. रमेश भोजराज द्विवेदी के इस सम्बन्ध में किये जा रहे कार्यों की भूरी-भूरी प्रषंसा की। उन्होंने कहा कि इंटरनेट, फेसबुक, ईमेल के इस हाईटेक युग के साथ कदमताल कर, ज्योतिष ने नए आयाम स्थापित किये है।
उन्होंने इस विद्या के प्रचार-प्रसार के क्रम को उद्घाटित करते हुए कहा कि नवयुवाओं को इस विद्या का ज्ञान व अभ्यास होना आवष्यक है। डाॅक्टर, इंजीनीयर, प्रषासनिक अधिकारी या अन्य सेवा का विषय जो नवयुवक चुनना चाहते है, चुने लेकिन इस विषय का अध्ययन जरूर करें। यह नितांत अनिवार्य है। मूल को सींचे, क्योंकि बिना मूल के वृक्ष की परिकल्पना स्वप्न है, अतः मूल को जरूर सींचे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान के ब्राण्ड एम्बेसेडर श्री रमेश भाई ओझा ने इस अवसर पर पं. रमेश भोजराज द्विवेदी व श्रीमती रक्षा द्विवेदी का सामुहिक अभिनंदन अंगवस्त्र,षाॅल-दुषाला ओढ़ाकर किया। उन्होंने कहा कि इस वैदिक विद्या, भागवत व पुराणों की संस्कृति व ऋशि परम्परा से भारत एक बार पुनः विष्व गुरू के पद पर प्रतिश्ठापित होगा। उन्होंने ज्योतिष के अनेकानेक सिद्धांतो को उद्घाटित किया।