न्यूटन की भविष्यवाणी-
2060 में खत्म हो जाएगी दुनियां
जानिए कैसे किया था कैल्कुलेशन?
यह दुनिया कब तक चलती रहेगी? कब इस दुनिया का अंत होगा? यह सवाल हर किसी के मन में उठता है। नास्त्रेदमस समेत कई भविष्यवक्त ाओं ने अलग-अलग भविष्यवाणियां कीं। उन्हीं में से एक फादर आॅफ माॅडर्न साइंस सर इसाक न्यूटन भी थे, जिन्होंने कहा था कि यह दुनिया 2060 में खत्म हो जायेगी। खास बात यह है कि न्यूटन ने यह ऐसे ही नहीं कहा था। इसके पीछे भी एक फार्मूला था। गति के नियम के तमाम फाॅर्मूलों का अविष्कार करने वाले न्यूटन ने 1704 में एक नोट लिखा था। न्यूटन का वह नोट उन पत्रों के साथ मिला, जो उन्होंने लिखे थे। 1727 में न्यूटन के निधन के बाद उनके लिखे हुए सभी नोट उनके घर पर मिले। 1936 में न्यूटन के पत्रों की नीलामी हुई, तो इंग्लैंड के अर्थशास्त्री जाॅन मेयनार्ड कीन्स ने उसे खरीदा। बाद में उसे जेरुसेलम के एक स्काॅलर ने किताब का रूप दिया। किताब का नाम पड़ा सीक्रेट्स आॅफ न्यूटन। किताब आज भी यूनिवर्सिटी आॅफ जेरुसेलम में है। लखनऊ की बेलीगारद में आत्माओं से जुड़ी एक सच्ची घटना- 1904 में न्यूटन ने लिखा नोट-इंसान लिनेन के कपड़े पहनने लगा है, दायां हाथ ऊपर करके नदियों के पानी के ऊपर चलने लगता है और बायां हाथ ऊपर करके स्वर्ग जैसा अनुभव प्राप्त कर सकता है। अगर इंसान यह सोचता है कि वह हमेशा के लिये रहेगा, तो ऐसा बिलकुल नहीं है। उनका भी समय आयेगा। जब इंसान धर्म को मानना बंद कर देगा, तभी से उसका अंत शुरू हो जायेगा और दुनिया भी एक दिन खत्म हो जायेगी। यह सब कुछ समय के लिये रहेगा। एक समय आयेगा, जब आधा समय रह जायेगा। न्यूटन ने यह नोट डेनियल की किताब में पढ़ा था, जिसके अंत में समय का तकाजा किया गया। समय, समय और आधा समय। न्यूटन ने उसी के आधार पर कैल्कुलेशन किया और उत्तर आया साढ़े तीन साल, यानी 1,260 दिन। उसके बाद वैज्ञानिक गणना की और उसमें दिन वर्ष में बदल गये। यानी 1,260 साल में दुनिया खत्म हो जायेगी। न्यूटन के मन में सवाल उठा कि यह काउंटडाउन कब से शुरू होगा, तो उन्होंने उसी आधार पर न्यूटन ने 1704 अंत में लिखा कि 800 ई. को मानक बनाया। न्यूटन तर्क था कि 800 ई. में रोम में धार्मिक क्रांति आयी और रोम के राजा चालीमैगने ने शासन से ऊपर पोप को स्थान दिया। न्यूटन की गणना के आधार पर 800 $ 1260 = 2060 ई. यानी साल 2060 में यह दुनिया खत्म हो जायेगी। न्यूटन ने 1704 में ही लिख दिया कि यह दुनिया 2060 के पहले तो पक्का खत्म नहीं होगी। पृथ्वी की उम्र अगर 2060 से आगे बढ़ी, तो यह वो साल होगा, जब तबाही शुरू होगी। यूनिवर्सिटी आॅफ जेरुसेलम की इस किताब के अनुसार न्यूटन ने करीब 10 लाख शब्दों के अलग-अलग नोट लिखे थे, जिसमें धर्म की बात की थी। यही नहीं गुरुत्वाकर्षण बल व उसके सिद्धांत के अलावा न्यूटन ने कई ग्रहों का भी अध्ययन किया। न्यूटन से जुड़ी तमाम अनसुनी बातें ‘‘दि न्यूटन प्रोजेक्ट’’ में संग्रहीत की गई हैं।